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पितृगणों का हमारे कुल से सीधा सम्बन्ध होता है । हमारे नजदीकी सगे सम्बन्धी जो अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाते है या जो किन्ही कारणों से मोक्ष या पुनर्जन्म को प्राप्त नहीं होते है वे ही पितृ बन जाते है । उनका हमसे मोह का बंधन होता है इसलिए वे मृत्यु के बाद भी हमसे भावनात्मक रूप से जुड़े रहते है । ये बहुत शक्तिशाली होते है । यदि ये हम पर खुश हों तो धन संपत्ति देते है सुखी रखते हैं लेकिन यदि हम इन्हे याद नहीं रखें, इनके लिए भोजन आदि का दान नहीं करें तो ये कई बार रुष्ट होकर बहुत कष्ट उत्पन्न कर देते हैं । इसके कारण घर में शुभ कार्यो में बाधाएं आती हैं । विवाह समय पर नहीं होते । कलह बना रहता है ।धन में बरकत नहीं होती । ऐसे में पितृदोष निवारण के उपाय करने चाहिए ।
प्रश्न कुंडली से पितृदोष का पता लगाया जा सकता है । यदि प्रश्नकुंडली में गुरु ग्रह पीड़ित हो, शनि केतु का योग पंचम , लग्न , या द्वादश में बन रहा हो तो पितृ दोष हो सकता है । कालसर्प दोष होने पर भी पितृदोष हों सकता हैं । ऐसे में पितृदोष निवारण के उपाय जरूर करने चाहिए ।
1 Pitra Dosh Nivaran Puja के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय है पितृसूक्त का पाठ । यदि आप नित्य पितृसूक्त का एक पाठ करते है तो पितृगण सदा आपसे प्रसन्न रहेंगे । यदि नित्य पाठ न हो सके तो प्रत्येक अमावस्या को इसके 11 पाठ करे ।
2 यदि किसी व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो जाये या कोई आत्महत्या कर ले तो ऐसे लोगो के लिए Pitra Dosh Nivaran Puja के उपाय जरूर करने चाहिए । इसके लिए नारायण बलि या गायत्री के जप या भागवत का पाठ जरूर करवाना चाहिए । प्रायः ऐसे लोग प्रेत बनकर दुखी होते है और अपने परिजनों को भी परेशान कर सकते है । कुछ वर्ष पूर्व विराटनगर के पास एक गावं में एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी । बाद में उसने अपने घरवालो को प्रेत बनकर बहुत परेशान किया । उसके लिए बहुत उपाय और गायत्री जप करवाने पड़े तब जाकर उससे सबको मुक्ति मिली ।
3 यदि आपके घर में कलह अधिक रहता हो या किसी शुभ कार्य के अवसर पर दुःख की घटना घट जाये तो यह पितृदोष का लक्षण है । ऐसे में नित्य भोजन बनने के बाद 2 रोटी पितरों के नाम से गाय और कुत्ते को खिलानी चाहिए ।इसके अतिरिक्त हो सके तो प्रत्येक अमावस्या को एक स्त्री और पुरुष को भोजन करवाना चाहिए ।
4. Astrologer Peeyush Vashisth के अनुसार पितृदोष निवारण के उपाय में रामचरितमानस का पाठ करवाना सबसे अच्छा होता है । यदि नित्य इसका पाठ पितरों की फोटो के सामने किया जाये तो पितृगण प्रसन्न होते है । रामचरितमानस के निम्नलिखित मंत्र का सवा लाख जप करवाने से भी पितृदोष शांत होता है :-
देव दनुज नर नाग खग , प्रेत पितर गन्धर्व
बंदउँ किन्नर रजनीचर कृपा करहुं अब सर्व ।।
इस मंत्र से पितृदोष ही नहीं अपितु देवदोष, नागदोष, गंधर्वदोष, इत्यादि भी दूर होते है ।
5 पितृ दोष के लिए नान्दीश्राद्ध या गयाश्राद्ध करवाना भी ठीक होता है ।
6 अश्विन कृष्ण पक्ष
हिन्दू धर्म में श्राद्ध पक्ष के रूप में जाना जाता हैं । पितृदोष होने पर इसमें पितरों के निमित्त ब्राम्हण भोजन करवाना चाहिए और दान करना चाहिए । पितृदोष निवारण के उपाय इस पक्ष में करना अच्छा होता है ।
7 हमारे यहाँ पितृदोष निवारण के लिए पितृदोष निवारण अनुष्ठान (PITRA DOSH NIVARAN ANUSTHAN)विधिपूर्वक करवाया जाता है । अभी तक सभी जगह सफलता प्राप्त हुई है । इसमें पितृसुक्त , नान्दीश्राद्ध और गायत्रीमंत्र तीनो का सम्मिलित प्रयोग किया जाता है । यदि आपके घर में भी पितृदोष है तो आप इसकी विधि पूछने के लिए या हमारे यहाँ से करवाने के लिए फ़ोन या ईमेल द्वारा संपर्क कर सकते है ।
8 हमारे यहाँ जन्मपत्रिका और प्रश्न कुंडली के माध्यम से भी पितृ दोष और पितृदोष निवारण के उपाय के बारे में बताया जाता है । आप इस सम्बन्ध में परामर्श ले सकते है ।
विशेष :- हमने देखा है की आजकल पितृ दोष लोगो को डराने का एक बहुत बड़ा साधन बन गया है । यदि किसी तांत्रिक , या ज्योतिषी को कुछ समझ नहीं आये तो वो पितृदोष बता देते हैं । यदि पितृदोष हो तो भी पहले स्वयं हमारे द्वारा बताये गए उपाय करने का प्रयास करें । यदि स्वयं नहीं कर सकें तो फिर किसी से शांति करवाने की सोचे । यदि आपको यहाँ लेख अच्छा लगा तो शेयर करे और अपने सुझाव भी दे ।
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