रतà¥à¤¨à¥‹ को धारण करने से गà¥à¤°à¤¹à¥‹ के अशà¥à¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से बचा जा सकता है और शà¥à¤ फलो में वृदà¥à¤§à¤¿ की जा सकती है | इस समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में सही जानकारी और विधि का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होना बहà¥à¤¤ जरà¥à¤°à¥€ है अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ महंगे से महगा रतà¥à¤¨ à¤à¥€ अपना पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ नहीं दिखा पता है |
यहाठहम रतà¥à¤¨à¥‹ को धारण करने की सही और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ विधि बता रहे है | इस विधि से यदि आप किसी उपरतà¥à¤¨ को या मधà¥à¤¯à¤® शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ के रतà¥à¤¨ को à¤à¥€ धारण करेंगे तो वह बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ देगा | यहाठकà¥à¤°à¤® से विधि बताई जा रही है -( complete procedure of wearing gemstones)
रतà¥à¤¨ धारण से पूरà¥à¤µ यह जरà¥à¤°à¥€ है की आप अपने लिठजो सबसे अचà¥à¤›à¤¾ रतà¥à¤¨ है उसका चयन करे | इसके लिठआप योगà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤à¤µà¥€ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ की सलाह लेना जरà¥à¤°à¥€ है अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ लाठके सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर हानि à¤à¥€ हो सकती है | कà¤à¥€ à¤à¥€ इंटरनेट पर खोजकर या अपनी नाम राशि देखकर यूठही कोई à¤à¥€ रतà¥à¤¨ नहीं पहन लेना चाहिठ| इसके लिठआप हमारे यहाठआचारà¥à¤¯ पीयूष वशिषà¥à¤ जी से रतà¥à¤¨ परामरà¥à¤¶ लेकर अपने लिठसबसे उपयà¥à¤•à¥à¤¤ रतà¥à¤¨ का चयन कर सकते है |
रतà¥à¤¨ का अचà¥à¤›à¥€ गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ का होना बहà¥à¤¤ जरà¥à¤°à¥€ होता है | जैसे नीलम कितना ही अचà¥à¤›à¤¾ हो लेकिन उसमे कोई लाल निशान आ जाये तो वह खà¥à¤¨à¥€ नीलम बन जाता है |इसके अतिरिकà¥à¤¤ रतà¥à¤¨ में दरार , निषà¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾ होना à¤à¥€ ठीक नहीं होता है | आज कल तो कà¥à¤› लोग रतà¥à¤¨ को heated और treated करके duplicate रतà¥à¤¨ को असली के दाम पर बेच देते है | बहà¥à¤¤ से लोगो को मैंने देखा है की रतà¥à¤¨ कहकर ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ किसी ने उपरतà¥à¤¨ दे दिया |सही और शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उतà¥à¤¤à¤® रतà¥à¤¨ आप astrostore से खरीद सकते है |
रतà¥à¤¨ जब खान से निकलता है और धारण करता तक पहà¥à¤šà¤¤à¤¾ है उस बीच में अनेक लोगो के अशà¥à¤¦à¥à¤§ हाथ लगने से उसमे कà¥à¤› नकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ आ जाती है इसे दूर करना जरà¥à¤°à¥€ होता है | इसके अतिरिकà¥à¤¤ जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से मंदिर में मूरà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ से पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा जरà¥à¤°à¥€ होती है उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से रतà¥à¤¨ को à¤à¥€ धारण करने से पूरà¥à¤µ उसकी पà¥à¤°à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा करके उस गà¥à¤°à¤¹ का आवाहन किया जाता है | इससे वह रतà¥à¤¨ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥€à¤² होकर उस गà¥à¤°à¤¹ की रशà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को खीचकर धारणकरà¥à¤¤à¤¾ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करवाता रहता है |
हालांकि इसकी विधि थोड़ी जटिल है , पूरà¥à¤£ विधि के लिठआप हमारे यहाठसंपरà¥à¤• कर सकते है | हमारे यहाठविदà¥à¤µà¤¾à¤¨ पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤à¤œà¤¨à¥‹ से पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा करवाई जाती है | अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में आप आगे बताई गई विधि से रतà¥à¤¨ को शकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¥ƒà¤¤ कर सकते है|
विधि- इसके लिठसरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤• आसान पर पूरà¥à¤µ दिशा की तरफ मà¥à¤– करके बैठजाये| इसके बाद रतà¥à¤¨ को ५ मिनिट के लिठनमक के पानी में दाल दे | इससे नकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ निकल जाà¤à¤—ी| इसके बाद इसे गंगाजल और गोमूतà¥à¤° में डà¥à¤¬à¥‹à¤•à¤° शà¥à¤¦à¥à¤§ करे | इसके बाद ओम गं गणपतये नमः इस मंतà¥à¤° का १०८ बार जप करे | इसके बाद उस रतà¥à¤¨ से समà¥à¤¬à¤‚धित गà¥à¤°à¤¹ का मंतà¥à¤° ५ मिनिट तक मन ही मन जपे |
सूरà¥à¤¯- ॠघृणि सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¯ नमः
चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤®à¤¾ ॠसोम सोमाय नमः
मंगल- ॠअं अंगारकाय नमः
बà¥à¤§ ॠबà¥à¤‚ बà¥à¤§à¤¾à¤¯ नमः
गà¥à¤°à¥ ऊठबृं बृहसà¥à¤ªà¤¤à¤¯à¥‡ नमः
शà¥à¤•à¥à¤° ॠशà¥à¤‚ शà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¯ नमः
शनि ॠशं शनेशà¥à¤šà¤°à¤¾à¤¯ नमः
राहॠॠरां राहवे नमः
केतॠॠकेठकेतवे नमः
ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ अपने इषà¥à¤Ÿà¤¦à¥‡à¤µ का मानसिक सà¥à¤®à¤°à¤£ करते हà¥à¤ उस रतà¥à¤¨ को समà¥à¤¬à¤‚धित अंगà¥à¤²à¥€ में धारण कर ले | रतà¥à¤¨ धारण उससे समà¥à¤¬à¤‚धित गà¥à¤°à¤¹ की होरा या शà¥à¤ चौघड़िया में होना चाहिठ| मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ की जानकारी आप astroprediction .com से निःशà¥à¤²à¥à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते है|