आज मैं आपको à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ सिदà¥à¤§ और चामतà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के बारे में बता रहा हूठजिसके बारे में अपने कà¤à¥€ नहीं सà¥à¤¨à¤¾ होगा । ये सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जयपà¥à¤° जिले में विराटनगर नामक à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के समीप पापड़ा गà¥à¤°à¤¾à¤® में है । ये वही विराटनगर है जहा पांडव à¤à¤• वरà¥à¤· तक अजà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤µà¤¾à¤¸ में रहे थे । यहाठपापड़ा गà¥à¤°à¤¾à¤® में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ का à¤à¤• सिदà¥à¤§ मंदिर है जो जमीन से थोड़ा उचाई पर पहाड़ पर है । यह मंदिर ३०० वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ है । यहाठसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ बात करते है । इसकी पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ यहाठरहने वाले वशिषà¥à¤ परिवार के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ की जाती है ।
लगà¤à¤— 300 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ जब आने जाने के साधन बहà¥à¤¤ कम हà¥à¤† करते थे उस समय इसी वशिषà¥à¤ परिवार के पूरà¥à¤µà¤œ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¦à¤¾à¤¸ जी और शीतलदास जी महाराज तीरà¥à¤¥à¤¾à¤Ÿà¤¨ के लिठगà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ की तरफ गठहà¥à¤ थे । वापसी में रातà¥à¤°à¤¿ में विशà¥à¤°à¤¾à¤® हेतॠà¤à¤• निरà¥à¤œà¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर रà¥à¤•à¤¨à¤¾ हà¥à¤† । मधà¥à¤¯ रातà¥à¤°à¤¿ के समय उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सोते हà¥à¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी ने दरà¥à¤¶à¤¨ दिठऔर कहा मà¥à¤à¥‡ यहाठसे ले चलो । à¤à¤¸à¤¾ सà¥à¤¨à¤•à¤° उनकी आà¤à¤– खà¥à¤² गई । जब उठे तो आकाशवाणी सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ दी और हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी ने कहा मैं यहाठकब से तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤° कर रहा हूठ, तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ ले चलो और अपने गांव में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करो । जब उनहोने पà¥à¤›à¤¾ महाराज आप कहा हो, तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बताया और वहां खोदने को कहा ।
जब दोनों ने वहां खोदना शà¥à¤°à¥‚ किया तो हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की à¤à¤• मूरà¥à¤¤à¤¿ मिली लेकिन उसमे वजन बहà¥à¤¤ था इसलिठसेकड़ो किलोमीटर दूर पैदल ले जाना संà¤à¤µ नहीं था । इस पर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी ने कहा की इस मूरà¥à¤¤à¤¿ को अपनी पीठसे बांध लो , आपको कोई वजन महसूस नहीं होगा, लेकिन साथ ही यह à¤à¥€ कहा की जहा मà¥à¤à¥‡ कही रख दोगे मैं वही सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हो जाऊंगा और तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ उठा नहीं सकोगे , इसलिठमंजिल तक पहà¥à¤šà¤¨à¥‡ से पहले कही मत रखना ।
दूसरी समसà¥à¤¯à¤¾ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कही की आपकी पूजा तो बहà¥à¤¤ नियम से की जाती है , हम कà¥à¤¯à¤¾ पता वो सब नियम पूरे कर सके या नहीं । अगर नहीं कर पाये तो हमें दोष लगेगा और आपके कोप का à¤à¤¾à¤œà¤¨ à¤à¥€ बनना पड़ सकता है । इस पर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी ने कहा की मेरी पूजा करने में तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡ कोई कठिनाई महसूस नहीं होगी । यदि तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ कà¥à¤² में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कोई बचà¥à¤šà¤¾ à¤à¥€ मà¥à¤ पर पानी डाल कर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करा देगा तो मैं उस से ही संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ हो जाऊंगा ।
Siddh Hanuman Mandir हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के कहे अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दोनों उसे बड़े ही आराम से पापड़ा गà¥à¤°à¤¾à¤® तक ले आये । यहाठआकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लघà¥à¤¶à¤‚का करने की जरà¥à¤°à¤¤ हà¥à¤ˆ और वे à¤à¥‚ल गठकी इसे जमीन पर नहीं रखना है । उस समय वे à¤à¤• छोटी पहाड़ी से दूसरी तरफ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कà¥à¤¹à¤¾à¥œà¤¾ गà¥à¤°à¤¾à¤® की तरफ जा रहे थे , लेकिन à¤à¥‚ल से मूरà¥à¤¤à¤¿ को यहाठरख दिया । लघà¥à¤¶à¤‚का से निवृत हो जब मूरà¥à¤¤à¤¿ को उठाने लगे तो वह से हिली à¤à¥€ नहीं । अब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी गलती का अहसास हà¥à¤† और वे पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾à¤ª करने लगे । तà¤à¥€ आकाशवाणी हà¥à¤ˆ की आप पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾à¤ª नहीं करें , मà¥à¤à¥‡ यही सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ होना था । इसके बाद उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उसे वही सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर दिया और थोड़ा पकà¥à¤•à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बना दिया ।वे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ पहाड़ी के दूसरी तरफ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कà¥à¤¹à¤¾à¥œà¤¾ गà¥à¤°à¤¾à¤® में रहते और नितà¥à¤¯ सà¥à¤¬à¤¹ शाम यहाठपूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करने आते ।बाद में उनके ही वंश में à¤à¤• महान आतà¥à¤®à¤¾ ने जनà¥à¤® लिया जिका नाम था लादूराम जी वशिषà¥à¤ था । इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ अपने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹ के नाम को बहà¥à¤¤ बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ और गृहसà¥à¤¥ में रहते हà¥à¤ à¤à¥€ à¤à¤• संत के समान ही रहे । इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ अपना घर बार कà¥à¤¹à¤¾à¥œà¤¾ से यहाठपापड़ा में ही बना लिया ।
इन हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी के यॠतो बहà¥à¤¤ से चमतà¥à¤•à¤¾à¤° है लेकिन उनमे से कà¥à¤› हम यहाठबता रहे है :-
इस मंदिर के पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ बड़े ही सीधे और सरल सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ के थे । à¤à¤• बार रात के समय जब सब सो रहे थे तो उनके यहाठचोर आये और उनकी गाये चà¥à¤°à¤¾à¤•à¤° ले जाने लगे । वे थोड़ी ही दूर गठथे की उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिखना बंद हो गया और वे à¤à¤Ÿà¤•à¤¨à¥‡ लगे । उधर पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी के सपने में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी आये और कहने लगे पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी तà¥à¤® यहाठसो रहे हो और तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ गाये चोर लेकर जा रहे है , जलà¥à¤¦à¥€ जाओ अà¤à¥€ मैंने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बड़ के पेड़ के पास ही रोक रहा है ।
ये सà¥à¤¨à¤•à¤° पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी चौक कर उठगठऔर पीछे गोशाला में जाकर देखा तो वासà¥à¤¤à¤µ में गाये नहीं थी । उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सब लोगो को उठाया और सपने में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बताये गठसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जाकर देखा । वहाठदो चोर अंधे होकर इधर उधर गिर पड़ रहे थे और लोगो को देखकर सारी गलती सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर ली । वे पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी के पैरो में पड़ गठ। पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी को à¤à¥€ चोरो के ये दशा देखकर दया आ गई । वे चोरो को लेकर मंदिर में गठऔर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤·à¤®à¤¾ करने की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की । कà¥à¤› देर में ही हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी की कृपा से उनकी नेतà¥à¤° जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ वापस आ गई और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में कà¤à¥€ चोरी नहीं करने की कसम खा ली ।
यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¥€à¥œ à¤à¤¾à¥œ से बहà¥à¤¤ दूर है इसलिठयदि आप वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤•à¥‚न और शांति को महसूस करना चाहते है तो आपको इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का दरà¥à¤¶à¤¨ जरूर करना चाहिठ। इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° बहà¥à¤¤ अधिक नहीं है । यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जयपà¥à¤° दिलà¥à¤²à¥€ रोड से अलवर की तरफ जाने वाले रसà¥à¤¤à¥‡ पर NH 8 से लगà¤à¤— 30 किलोमीटर पड़ता है । पहले आपको विराटनगर पहà¥à¤šà¤¨à¤¾ पड़ेगा । फिर यहाठसे अपने वाहन से या कोई टेकà¥à¤¸à¥€ करके 4-5 किलोमीटर दूर पापड़ा ( कà¥à¤¹à¤¾à¥œà¤¾ के पास ) जाना होता है । यह पहà¥à¤‚चकर कोई à¤à¥€ आपको मंदिर का रासà¥à¤¤à¤¾ बता देगा । फिर à¤à¥€ यदि कोई कठिनाई हो या आप जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जानना चाहते हो तो मंदिर के पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ जी से निमà¥à¤¨ नमà¥à¤¬à¤°à¥‹ पर संपरà¥à¤• कर सकते है ।
शà¥à¤°à¥€ महावीर पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ वशिषà¥à¤ 09828322800
शà¥à¤°à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° जी 09214975052
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